प्यारी माँ

माँ आपकी बहुत याद आती है।
हरदम तरसती हूँ मैं आपके वात्सल्य को ,
अपने सिर पर आपके स्नेहिल हाथों के स्पर्श को ,
आपकी गोद में जो सुकून महसूस किया था मैंने,
उस संरक्षण भरे ममता के आँचल को ।

माँ आपकी बहुत याद आती है।
आपका हर परिस्थिति में मेरा मार्गदर्शन करना,
मेरे गलत एवं सही निर्णयों का मूल्यांकन करना,
हर कठिन मोड़ पर आपका मेरा साथ देना 
मुझे समझना कि बेटा ऐसे नहीं ऐसे करो ।

माँ आपकी बहुत याद आती है।
आज परिस्थितियों ने भौतिक दूरी उत्पन्न कर दी है।
ऐसे में आपके स्नेह, प्यार और दिशा निर्देश की और ज्यादा जरूरत है मुझे माँ, मेरी मदद कीजिए माँ ।  ताकि सहजता से हर कठिन मोड़ को पार कर सकूँ।

माँ आपकी बहुत याद आती है।
आज जिंदगी में अजीब सा खालीपन है ,सूनापन है।
घुटते वातावरण में अन्यमनस्क सी रहने लगी हूँ मैं।
वो कोमलता एवं खिलखिलाहट कहीं खो सी गई है।
रह गई बस चिर खामोशी जिससे डर लगता है माँ।

माँ आपकी बहुत याद आती है।
आपके स्नेहिल आँचल से दूर यहाँ की कठोरता में,
मै फिर से पहले की भांति हँसना चाहती हूँ माँ,
चाहती हूँ अपनी वही खिलखिलाहट,वही हँसी,
एवं निश्चिन्तता जो मुझे आपके साथ मिला था।


माँ आपकी बहुत याद आती है।
परन्तु जब भी हँसना चाहती हूँ, कोशिश करती हूँ खुशियों के उन्मुक्त गगन में दूर बहुत दूर उड़नेकी 
पंख फैलाये,भयमुक्त हो विचरण करने की। 
मेरे पंख कतरने की साजिश जारी रहती है।


माँ आपकी बहुत याद आती है।
पर मुझे हँसना है माँ !आपके दृढ़ विश्वास के सहारे।
ये आपका आशीर्वाद ही है माँ जो मुझे दूर गगन की ऊंचाईयों में मुस्कुराते हुए मेरी मंजिल तक ले आया।
मुझे जिंदगी जीना है माँ आपके ही संबल के सहारे।

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