पहाड़ या समंदर

पहाड़ या समंदर

आज की चर्चा का विषय है कि समंदर और पहाड़ों की सैर में से किसे चुनेगें? 
हमारा मानना है कि किसी भी वस्तु के चयन में उसकी विशेषतायें , हमारी पसंद एवं अभिरुचि महत्वपूर्ण एवं निर्णायक भूमिका निभाती है।

बात पहाड़ों की करें तो पहाड़ों की सैर का अपना अलग ही आनंद है। हर मौसम में पहाड़ों की खूबसूरती की एक अद्भुत मनोरम छटा देखने को मिलती है। हरीभरी वादियाँ, घुमावदार पहाड़ी रास्ते ,रंग बिरंगे फूलों से लदे प्राकृतिक पेड़-पौधे, हरे-भरे चाय के बागान ,कलकल बहती नदियाँ ,निर्झरों का वेग से गिरना और अपना ही संगीत बिखेरना ,चारों तरफ बर्फ से ढकी चोटियाँ, श्वेत चादर में लिपटी वादियाँ, पेड़ों पर लटकी बर्फ़ की मोतियाँ, बर्फ की चादरों पर खूबसूरत हमसफ़र के साथ हिमपात और ठंडी हवाओं के आनंद , ऊँचे पहाड़ों पर बादलों को अपनी हाथों से छूना और पहाड़ियों के बीच से सूर्योदय को देखना ,फिजा में बिखरी ठंडी हवाओं की खुशबू हमें धरती पर स्वर्ग में होने का एहसास कराती है।

दूसरी तरफ समंदर का सैर भी कम रोमांचक नहीं है।
समंदर किनारे लहरों को उठते-गिरते देखना ,लहरों की लय को सुनना, दूर क्षितिज पर सूर्योदय के समय समंदर से सूर्य को निकलते और सूर्यास्त के समय समंदर में सूर्य को समाते देखना , विवेकानंद रॉक मेमोरियल में बैठ लहरों के चट्टानों से तकराने की आवाज सुनना , दूर-दूर तक फैले अगाध जल को देखना , अलग-अलग पानी के रंगो के समुंदर को एक साथ मिलते देखना , बीच पर जल क्रीड़ाएँ करना , सन बाथ लेना, नारियल पानी पीना , बीच पर रेत से अपने सपनों के महल को बनाना , किसी टापू के बीच पर नीले हरे जल के नीचे पारदर्शी बालू को देखना, अलग अलग बीच पर लाल पीले नीले और सुनहरे रेत तथा विभिन्न समुंद्री जीवों एवं रंगबिरंगे सीपियों का मिलना, समुद्री जहाज पर हमसफ़र के साथ रोमांचक सैर, समुंदर के अंदर का अद्भुत नजारा, पैराशूट के सहारे समंदर के ऊपर उड़ना उसमे गोते लगाना ,चांदनी रात में बीच पर खूबसूरत साथी के साथ सैर के सुखद अतुलनीय एहसास का जीवन में अपना ही विशेष स्थान है।

अतः मेरी समझ से पहाड़ या समंदर एक दूसरे के पर्यायवाची नहीं हो सकते हैं।सबकी अपनी अपनी खूबसूरती और अपना अपना अस्तित्व है।हमें प्रकृति के हर रंग का लुत्फ उठाना चाहिए।


पूनम एक प्रेरणा

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