जब मैं सोंचूं ,
तुम मुस्काना।
तुम मुस्काना।
जब मैं बोलूँ ,
तुम अधरों पर आना।
जब मैं देखूँ ,
तुम दिख जाना।
जब मैं आँखे मूदूँ ,
तुम पलकों में आना।
जब मैं हंसू ,
तुम खिलखिलाना।
जब मैं लिखूँ ,
तुम शब्द बनना।
जब मैं गाऊँ ,
तुम गजल बनना।
जब मैं विचरूं,
तुम मधुबन बनना ।
जब मैं चलूँ ,
तुम साथ आना।
जब मैं गिरूँ ,
तुम उठाना।
जब मैं लड़खड़ाऊँ,
तुम हाथ थामना।
जब मैं नाचूँ ,
तुम ताल लगाना।
जब मैं सवरूँ,
तुम निरेखना।
जब मैं बिखरुं ,
तुम समेटना ।
जब मैं टूटू ,
तुम सहेजना।