सभी को मेरा नमस्कार 🙏
सबसे पहले तो मुझे मेरे शिक्षक क्यों पसंद हैं, इस विषय पर अपनी भावनाएं कुछ यूँ व्यक्त करना चाहूँगी।
" गुरु गोविंद दोऊ खड़े काको लागूं पाय
बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताए"
*हम सब में अच्छे एवं बुरे में फर्क करने की समझ पैदा करता है।
*हमें विद्या दान देकर जीवन की विजय गाथा लिखने के काबिल बनाता है।
*अपने वयवहार से हम सब में विपरीत परिस्थितियों से निपटने की कार्य कुशलता विकसित करता है।
*जीवन को व्यापक दृष्टिकोण से देखने के लिए आवश्यक दृष्टि प्रदान करता है।
🌼दान विद्या का देता हमें जो
उस गुरु को हमारा नमन है।
मीठी बोली और सद्भावना से,
अपनी अमृत भरी भावना से,
मन के कलुषित विचारों को हरकर,
ज्ञान गंगा बहता जो उर में ,
उस गुरु को हमारा नमन है।
दान विद्या का देता हमें जो
उस गुरु को हमारा नमन है। 🌼🙏🏼
ऐसे ही आदर्श व्यक्तित्व के धनी थे हमारे स्कूल के समय के वे शिक्षक जिनकी कड़ी मेहनत उचित दिशा निर्देश एवं पथ प्रदर्शन , असीम स्नेह की वजह से मैं अपनी क्लास में हमेशा प्रथम आती रही और अपने गुरुजनों के विशेष स्नेह एवं आशीर्वाद का पात्र बानी।
मैंने अपने स्कूल लाइफ में कभी पिटाई नहीं खाई।कोई टॉपिक समझ में नहीं आने पर हमेशा ही मेरे टीचर्स ने उसे दुबारा बड़े प्यार से समझया और मेरे जीवन का मार्ग प्रशस्त किया ।
हमारे स्कूल में टीचर को भैया एवं दीदी कहने की प्रथा थी।
अपने क्लास टीचर श्री बृज किशोर भैया,अंगेजी के टीचर,श्री महेंद्र भैया,श्री बिंदेश्वर भैया,साइन्स टीचर श्री जयनारायण भैया,मेरी प्रथम कक्षा की क्लास टीचर श्रीमती शोभा दीदी,एवं कोचिंग के टीचर श्री ओझा जी मेरे पूजनीय गुरु रहे जिनके विशेष स्नेह,विश्वास और कृपा की वजह से मैं और मेरा अभिव्यक्ति की क्षमता वाला वजूद है।
हमेशा ही अपने गुरुओं की ऋणी रहूँगी ।गुरुजनों को सादर नमन एवं वन्दन तथा उनके श्री चरणों में स्वंय के अर्पण के साथ 🌼🌸🌺🙏🏼🌺🌸🌼
आप सब का दिन शुभ हो।💐🙏🏼💐