कलम की ताकत

ताकत कलम में बहुत है होती ,
जिसकी तुलना तलवार से होती।
जिसके हाथों में कलम है होती ,
वह  बहुत  ताकतवर है  होता ।
उपयोग कलम का वह शुरू जो कर दे,
हर मुकाम दुनिया का हासिल है कर सकता।

धार कलम की बहुत तेज है होती,
वार  बहुत तीक्ष्ण है करती।
बलवानों से नहीं है डरती,
राह अपनी स्वयं ही चुनती।

बाजारों में कलम है बिकती,
नीली पीली काली चमकीली।
बिके हुए कलमों के कारण,
रंग कलम की होती है धूमिल।

कुछ कलमें होती है सुनहरी,
जीवन मूल्यों की मोती से ,
आदर्शों भरी सच की राहों से
कभी मार्ग जो नहीं है भटकती।

धनवान सुनहरी कलमों की ऊँची बोली है लगाते अपने  ड्राइंग रूम में रखने का सपना हैं  सजाते।
सच्चाई का कत्ल कर उसकी लहू कलम में भरते
अपनी झूठी गौरव गाथा लिखने का छल हैं करते।

चाहत उनकी ये होती कभी ना पूरी,
कलम कभी सत्य की राह ना भूली।
चाहे जितनी लगा ले वे ऊँची बोली,
अनमोल कलमों की सम्भव नहीं बोली।

बोली तो उनकी लगती है जो चीज बिकाऊ होती है,
कलम खरीदें अमीरों की ऐसी औकात कहाँ होती है।
धारदार कलमें तो बस इतिहास बनाया करती हैं,
जिसके भय से सेनाएं भी थरथर काँपा करती हैं।

कलम की  ताकत  रखने  वालें ,
आगे आकर अपना फर्ज निभाएं।
राष्ट्र कर रहा उनका आह्वान,
नई मशाल, नई ज्योत जलाएं।
जिसकी रौशनी में आगे बढ़कर,
कोई मार्ग से भटक ना पाये।
दो राहे पर खड़े वीर का द्वन्द्व दूर हो जाए,
नई पीढ़ी आगे बढ़ अपनी मंजिल पा जाए


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