छोटी सी जिंदगी है ,जरा मुस्कुराइये।
छोड़ गम को पीछे, कदम आगे बढाइये।
जिंदगी किसी मोड़ पे, गर रुक सी गई है।
नदियों से ले सीख,निरंतर बढ़ते जाईये।
जख्म की तासीर अगर ,हो बहुत गहरी।
माफ कर उन्हें,जख्मों पे अपने मरहम लगाइये।
खुद में ही सिमट जाने की सजा, ठीक नहीं है।
भूल दर्द भारी यादें,सलाखों से बाहर भी आइये।
उन्मुक्त गगन बुला रहा,बाहें अपनी फैलाये ।
तोड़ दर्द का पिंजड़ा ,हवा में उड़ भी जाइये।
जिंदगी बिखरने नहीं, सम्भलने का नाम है।
जिंदादिली से अपनी, एक प्रदीप्त लौ जलाइये।
पोंछ आंसूओ को ,खुल के जरा खिलखिलाइये। सुन पंछियों के कलरव ,संग आप भी गुनगुनाइए।
यूँ ही किसी मोड़ पे,सब कुछ खत्म नहीं होता।
फिजाँ में फैली हैं खुशियां,उन्हें गले लगाईये।
आशा की नव किरण का, संचार यूँ करिये।
जुगनुओं की तरह ,चारों तरफ जगमगाइये।
अपने हौसलों को , कुछ यूँ बुलंद बनाइये।
दुनियाँ के लिये ,एक मिसाल बन भी जाइये।
छोड़ नकारात्मकता के भँवर को,
सकारात्मकता की तरफ कदम बढ़ाइये।
छोटी सी जिंदगी है, जरा मुस्कुराइये।
छोड़ गम के निशाँ पीछे, आगे बढ भी जाइये।
छोटी सी जिंदगी है, जरा मुस्कुराइये।
- पूनम एक प्रेरणा