भ्रष्टाचार का संहार

आओ अपनाएं सदाचार 

नही करेंगे कदाचार


नैतिक मूल्य ही हो आधार

उससे गिरना नहीं स्वीकार


सभी मिल करेंगे प्रहार

तभी मिटेगा भ्रष्टाचार 

भ्रष्टाचार मिटाने का करे आह्वान

तभी बनेगा अपना भारत महान

तभी होगा भारत का नवनिर्माण।


भ्रष्टाचार की लड़ाई बाहरी शत्रु से नहीं

खुद अपने आप से लड़नी है।

अपने अंदर छुपे अनैतिकता पर गहरी वार करनी है

सभी मिल करेंगे प्रहार तभी मिटेगा भ्रष्टाचार


भारत के नवनिर्माण में देंगे अपने नैतिकता का प्रमाण

कदाचार मुक्त भारत यही होगा हमारा अभीष्ट योगदान


ना घूस लेंगे ना ही घूस देंगे

नैतिकता का हम सभी प्रण लेंगे

अपनाएँगे सदाचार नहीं करेंगे कदाचार

भ्रष्टाचार मिटाकर ही बनेगा अपना भारत महान।


नैतिकता का हम सभी प्रण लेंगे

ना घूस लेंगे और ना ही घूस देंगे


अपनाएँगे सदाचार नहीं करेंगे हम कदाचार

सभी मिल करें प्रयास तभी मिटेगा भ्रष्टाचार

भ्रष्टाचार मुक्त भारत का अपना 

सपना होगा तभी साकार


भ्रष्टाचार के रूप हजार 

हममें तुममें सबमें बरकरार


जीवन मूल्यों की बलि देकर

हम सबकुछ पाने को हैं बेकरार


घूसखोर छूटे यहाँ घूस देकर 

न्यायपालिका बिके घूस लेकर


झूठ मारे सच को पैरों से ठोकर,

सच तड़पे जमीं पर लहुलुहान होकर।


आओ हम सभी जगाएँ अपने अंदर सदाचार,

तभी संभव है भ्रष्टाचार जैसे रावण का संहार।


डॉक्टर बने आज कमीशन खोर,

गैर जरूरी टेस्टो पर देते हैं जोर।


सामने मर रहा हो कोई बे इलाज,

इनके लिए जिंदगी है एक मजाक।


लाख गिड़गिड़ा लो लगा लो गुहार।

एक नहीं सुनते वे किसी की पुकार।


लोकपाल से होगा संहार

खुशियों का होगा संचार।



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